• January 2, 2021

माननीय पीएम नरेंद्र मोदी की 2 पुस्तकों के रिलीज़ के साथ गुवाहाटी के 33 वें पुस्तक मेले का हुआ शुभारंभ

माननीय पीएम नरेंद्र मोदी की 2 पुस्तकों के रिलीज़ के साथ गुवाहाटी के 33 वें पुस्तक मेले का हुआ शुभारंभ

असम पब्लिकेशन बोर्ड का 33 वे गुवाहाटी पुस्तक मेला का बुधवार 30 दिसंबर, 2020 को चंदेरी इंजीनियरिंग कॉलेज ग्राउंड में बहुत हर्षो उल्लास के साथ हुआ शुभारंभ।

12 दिवसीय पुस्तक मेला, जो 30 दिसंबर, 2020 से 10 जनवरी, 2021 तक निर्धारित है, पहले ही दिन उसमे हजारों की तादाद में भीड़ देखी गयी। मेले की खास बात यह है कि यहां कुल 126 बुक स्टाल लगे हुए हैं।

पब्लिकेशन बोर्ड सेक्रेटरी प्रमोद कलिता जी बताते है कि ,”33 वें गुवाहाटी पुस्तक मेले का उद्घाटन समारोह राज्य के कोने-कोने के पुस्तक प्रेमियों की अभूतपूर्व भीड़ के साथ एक बड़ी सफलता रही। दिलचस्प बात यह है कि गुवाहाटी में पोस्ट लॉकडाउन यह पहला मेगा इवेंट है, जिसने जनता को नई सांस दी है।”

“सभी COVID-19 प्रोटोकॉल का इस साहित्यिक समारोह में पालन हो रहा है, जो की गुवाहाटी का एक ऐतिहासिक वार्षिक आयोजन है। असम प्रकाशन बोर्ड का कार्य लॉकडाउन के दौरान भी सभी सावधानियों के साथ जारी रहा। हमने 31 नई पुस्तकें प्रकाशित कीं और 41 पुस्तकों को रीप्रिंट किया। हम सभी से समर्थन प्राप्त कर खुश हैं। ” श्री कलिता आगे कहते हैं।

आई लोई सिथी नामक पहली पुस्तक जारी की गई जो कि लेखक और अनुवादक उत्पल दत्ता द्वारा नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय लेटर टू मदर का असमिय अनुवाद है। इसे हृषिकेश गोस्वामी, असम के सीएम के प्रेस सलाहकार द्वारा रिलीज़ किया गया।

“नरेंद्र मोदी के आरएसएस प्रचारक होने और मातृ भूमि के प्रति उनके अटूट प्रेम के रूप में लेटर टू मदर उनकी सभी आंतरिक संघर्ष के बारे में है। अगर कोई हमारे पीएम के जीवन दर्शन के बारे में अधिक जानना चाहता है, तो यह पुस्तक उसके लिए एक आदर्श हो सकती है, ”उत्पल दत्ता कहते हैं।

रिलीज़ की गई दूसरी पुस्तक मोर प्रिया देशबाशी है, जो गुवाहाटी के लोकप्रिय लेखक नम्रता दत्ता द्वारा नरेंद्र मोदी के बहुप्रशंसित रेडियो कार्यक्रम मन की बात से चुनी गई प्रेरक कहानियों का संकलन है। इन 2 पुस्तकों के अलावा, कुल 12 किताबें रिलीज़ की गईं है।

तथागता रॉय, पूर्व राज्यपाल, त्रिपुरा, प्रख्यात लेखक और चिंतक कहते हैं, “असमिया भाषा बहुत प्यारी भाषा है।”

असम के सीएम के प्रेस सलाहकार हृषिकेश गोस्वामी कहते हैं, ” हथियार से ज्यादा ताकतवर किताब होती है। असम प्रकाशन बोर्ड लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड डॉ पठानकोट को दिया गया था, लेकिन वे स्वास्थ्य ठीक ना होने के कारण उपस्थित नहीं हो सके।

उद्घाटन समारोह में डॉ हिमांता बिस्वा सरमा ,वित्त मंत्री, स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्री और असम प्रकाशन बोर्ड के प्रेसिडेंट, एस.जे.टी येसे दोर्जे थोंची, प्रख्यात लेखक, अरुणाचल प्रदेश और एस.जे.टी गोविंद टायड भी उपस्थित थे।

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