• July 26, 2024

लोकेश बत्ता ने सोनी सब के ‘बादल पे पांव है’ में अपनी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया: मेरा किरदार ज़िंदगी की चुनौतियों को खुद पर हावी नहीं होने देता है, फिर भी इसमें गहरे भावनात्मक पहलू हैं​

लोकेश बत्ता ने सोनी सब के ‘बादल पे पांव है’ में अपनी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया: मेरा किरदार ज़िंदगी की चुनौतियों को खुद पर हावी नहीं होने देता है, फिर भी इसमें गहरे भावनात्मक पहलू हैं​

सोनी सब का ‘बादल पे पांव है’ अमनदीप सिद्धू अभिनीत किरदार बानी की कहानी बताता है, एक बेहद महत्वाकांक्षी मध्यम वर्ग की लड़की, जो अपने और अपने परिवार की ज़िंदगी को बेहतर बनाने का सपना देखती है। आसमान छूती उम्मीदों के साथ, बानी रजत (आकाश आहूजा) से शादी करती है, लेकिन जब उसे एहसास होता है कि उसके विपरीत, रजत और उसका परिवार अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति से ही संतुष्ट है, तो उसके सपने टूट जाते हैं। 

 

रजत के परिवार में गौरव है, जो परिवार का बड़ा बेटा और रजत का भाई है। गौरव का किरदार लोकेश बत्ता है। एक स्पष्ट बातचीत में, लोकेश ने अपने किरदार गौरव के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि किस चीज ने उन्हें इस भूमिका के लिए आकर्षित किया, इस बहुमुखी व्यक्ति को प्रदर्शित करने में उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, और रवि और सरगुन के प्रोडक्शन हाउस के साथ दूसरी बार काम करने का उनका अनुभव कैसा है। 

 

क्या आप हमें ‘बादल पे पांव है’ में अपने किरदार गौरव खन्ना के बारे में बता सकते हैं और किस चीज ने आपको यह भूमिका करने के लिए प्रेरित किया? 

गौरव के किरदार में ह्यूमर और संवेदनशीलता दोनों का अनूठा मिश्रण है, जो मुझे काफी पसंद आया। यह किरदार ज़िंदगी की चुनौतियों को खुद पर हावी नहीं होने देता है, फिर भी इसमें गहरे भावनात्मक पहलू हैं। इस द्वंद्व से मुझे एक बहुमुखी व्यक्ति को एक्सप्लोर और निभाने का अद्भुत अवसर मिला है। ऐसे सर्वांगीण किरदार मिलना दुर्लभ है, और गौरव को जीवंत करना रोमांचक और समृद्ध अनुभव था। 

 

शो में, बानी महत्वाकांक्षी है और अपने व अपने परिवार के लिए बेहतर जीवन चाहती है लेकिन उसे ‘स्वार्थी’ करार दिया जाता है। शो के इस आधार पर आपकी क्या राय है? 

बादल पे पांव है की कहानी ऐसी युवती के इर्द-गिर्द घूमती है जो काफी महत्वाकांक्षी है और अपने सपनों को पूरा करने के प्रति दृढ़ संकल्पित है। मेरा मानना ​​है कि ऐसी कहानियां अविश्वसनीय रूप से दमदार और प्रेरणादायक हो सकती हैं, खासकर युवतियों के लिए। बानी स्वार्थी नहीं है; वह महान उपलब्धियां हासिल करना चाहती है, फिर चाहे इसके लिए उसे कितनी ही मुश्किलों का सामना क्यों न करना पड़े। यह कहानी दर्शकों को ज़िंदगी द्वारा तय की गई सीमाओं को चुनौती देने और महिलाओं की आलोचना करने के बजाय उनकी महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करती है। 

 

क्या आपको गौरव खन्ना का किरदार निभाने में किसी चुनौती का सामना करना पड़ा, इस भूमिका के लिए आपने कैसे तैयारी की? 

शुरुआती चुनौतियों में से एक गौरव की गहराई और जटिलता को पूरी तरह से समझना था। उसकी महत्वाकांक्षा और अवधारणा को प्रामाणिक रूप से निभाने के लिए, मुझे उसकी बैकस्टोरी, प्रेरणा और भावनात्मक संघर्षों में गहराई से उतरना पड़ा। मैंने अन्य किरदार के साथ उसके संबंधों का विश्लेषण करने में बहुत समय बिताया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसके काम और प्रतिक्रियाएं वास्तविक लगें। किरदार को इस गहराई से समझना गौरव के व्यक्तित्व की बारीकियों को सामने लाने और उसे दर्शकों के लिए प्रासंगिक बनाने के लिए महत्वपूर्ण था। 

 

रवि और सरगुन के प्रोडक्शन हाउस के साथ यह आपका दूसरा शो है। बादल पे पांव है की शूटिंग का अब तक का अनुभव कैसा रहा है? 

सच कहूं तो रवि और सरगुन लाजवाब निर्माता हैं। उनके साथ काम करना वाकई काफी सौभाग्य की बात है। वे दोनों रचनात्मकता को प्रोत्साहित करते हैं, और उन्होंने हमेशा मेरे काम की सराहना की है, अक्सर सीधे आकर मुझे बताया है, जो अविश्वसनीय रूप से प्रोत्साहित करने वाली बात है। उनके सहयोगी माहौल से अपना सर्वोत्तम परफ़ॉर्मेंस देना आसान हो जाता है, और उनकी प्रतिक्रिया, जैसे “भाई वो सीन तो बहुत अच्छा किया तूने”, से व्यक्तिगत स्पर्श जुड़ जाता है, जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ जाता है। 

 

आपके अनुसार पंजाब की पृष्ठभूमि से शो की कहानी की प्रामाणिकता और समृद्धि कैसे बढ़ती है? वहां शूटिंग का अनुभव कैसा रहा? 

पंजाब में शूटिंग करना मेरे लिए घर वापसी जैसा अविश्वसनीय अनुभव रहा है। पंजाब से होने के नाते, यह पेशेवर और निजी जीवन का सुंदर मिश्रण है। इस राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उत्साह से भरा माहौल शो की कहानी में प्रामाणिकता लाता है और गहराई जोड़ता है। परिचित जगहों में शूटिंग करने से मुझे अपने किरदार और कहानी से ज्यादा गहराई से जुड़ने की सहूलियत मिली है, जिससे पूरी प्रक्रिया ज्यादा स्वाभाविक और खुशनुमा लग रही है। 

 

क्या आप सेट पर पर्दे के पीछे की कोई कहानी साझा करना चाहेंगे? 

मुझे अपने सह-कलाकारों के साथ तुरंत कनेक्शन महसूस हुआ, और हम ऑनस्क्रीन और ऑफस्क्रीन दोनों जगह एक-दूसरे का समर्थन करते हैं, जिससे सेट पर उत्साह से भरपूर माहौल बन जाता है। हम अक्सर शूटिंग के दौरान एक-दूसरे को चिढ़ाते हैं, इस हद तक कि निर्देशक को हमें फोकस करने के लिए कहना पड़ता है ताकि हम सीन पूरा कर सकें। ऐसा ही एक यादगार पल था, जब बानी को परिवार में अपना पहला खाना बनाना था, और सेट पर बहुत सारा खाना लाया गया था। यह तुरंत ही खत्म हो गया, और, मेरे किरदार गौरव की तरह, मुझे भी खाना पसंद है और मेरी भूख अच्छी खासी है। स्वाभाविक रूप से, पूरी कास्ट ने मज़ाक में सारा खाना खत्म करने का आरोप मुझ पर लगा दिया। 

 

‘बदल पे पांव है’ देखते रहें, हर सोमवार से शनिवार शाम 7:30 बजे, केवल सोनी सब पर 

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